रात होते ही आपकी नींद कई स्टेज से गुज़रती है, कुछ-कुछ रोलरकोस्टर राइड की तरह. आप सोते वक़्त भले ही यह सब महसूस न करें, लेकिन आपका दिमाग़ और बॉडी उस दौरान काफ़ी एक्टिव रहते है.

नींद का हर स्टेज अगले दिन आपको कैसा महसूस होता है, इसमें अलग-अलग भूमिका निभाता है. आगे पढ़कर जानिए कि कौन‑सा स्टेज आपके दिमाग़ की मदद करता है, कौन‑सा आपकी बॉडी को रिस्टोर करता है, और क्या हर रात इन सब के बीच सही बैलेंस बन पा रहा है.

नींद के 4 स्टेज क्या हैं?

नींद को आमतौर पर 4 हिस्सों में बाँटा जाता है: जागना, हल्की नींद, गहरी नींद और REM स्लीप. इनमें से हर स्टेज आपकी मेंटल और फ़िज़िकल हेल्थ को संभालने में ज़रूरी रोल निभाता है.

नींद के 4 स्टेज: जागना, हल्की नींद, गहरी नींद और REM स्लीप.

नींद के बारे में पढ़ते समय आपको “NREM” या “NREM स्टेज 1–4” जैसे शब्द भी दिख सकते हैं. ये बस नींद के अलग‑अलग फेज़ के लिए इस्तेमाल होने वाले और नाम हैं.

  • REM स्लीप का मतलब है “रैपिड आई मूवमेंट” स्लीप, और इसे “स्टेज R” भी कहा जाता है.
  • NREM (या नॉन‑रैपिड आई मूवमेंट) स्लीप में हल्की और गहरी नींद की स्टेज आती हैं, और इसे NREM स्टेज 1-4 के नाम से भी जाना जाता है, हल्की नींद NREM स्टेज 1-2 होती है, जबकि गहरी नींद NREM स्टेज 3-4 को शामिल करती है.

नींद के हर स्टेज में क्या होता है?

नींद का हर स्टेज आपकी बॉडी को अगले दिन के लिए अलग तरीके से तैयार करता है.

जागने का समय सोने से पहले और बाद में होता है. इसमें नींद के दौरान थोड़ी देर के लिए जागना भी शामिल है.

जागने का समय क्यों मायने रखता है

रात में कभी‑कभी उठ जाना सामान्य बात है, भले ही आपको बाद में याद रहे या न रहे.

मेंबर टिप: Oura ऐप में आपको अपने जागने का समय स्लीप टैब में दिखेगा. नाइटटाइम मूवमेंट ग्राफ़आपको यह भी अंदाज़ा देता है कि रात में आप कितनी बार जागे. (इसे देखने के लिए स्लीप स्टेज के ठीक नीचे वाले ऐरो पर टैप करें और व्यू को खोलें.) ग्राफ़ में ऊँची, सफ़ेद लाइन का मतलब होता है कि उस समय काफ़ी मूवमेंट हुई, यानी आप शायद जाग रहे थे.

अगर आप सुबह फ़्रेश महसूस करते हैं और दिन भर एनर्जेटिक रहते हैं, तो आमतौर पर रात में हुई इन छोटी‑मोटी जगने की घटनाओं की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन अगर आप बार‑बार थके हुए महसूस कर रहे हैं, तो यह नींद की क्वालिटी पर असर डालने वाली किसी समस्या या अनट्रीटेड स्लीप डिसऑर्डर जैसे स्लीप एपनिया का संकेत हो सकता है.

अगर आपकी नींद में बहुत ज़्यादा जागने का समय दिख रहा है, तो एक और बात जिस पर ध्यान देना चाहिए वो है आपका ब्लड ऑक्सीजन लेवल और ब्रीदिंग रेगुलैरिटी स्कोर. इन मेट्रिक्स के बारे में और जानें यहाँ.

और पढ़ें: बेचैनी भरी नींद? रात में बार‑बार करवटें बदलना कैसे कम करें

हल्की नींद के दौरान आपकी सांसें धीमी हो जाती हैं, हार्ट रेट कम होता है, बॉडी टेम्परेचर गिरता है और इस स्टेज से उठना आसान रहता है.

हल्की नींद क्यों ज़रूरी है?

अपने नाम के बावजूद, जब बात आपकी सेहत की आती है तो हल्की नींद कोई हल्की बात नहीं है. यह नींद का अहम स्टेज है जो दिमाग़ और बॉडी — दोनों को फ़ायदा देता है, जैसे यादों को मज़बूत करना और क्रिएटिविटी बढ़ाना. और यह कम बात नहीं है, क्योंकि नींद में बीतने वाला लगभग आधा समय — यानी करीब 50% — इसी स्टेज में गुज़रता है.

हल्की नींद असल में दो स्टेज में आती है: NREM स्टेज 1 और 2 नींद. NREM स्टेज 1 को “सो जाना” समझें”. इस दौरान आपकी मसल्स ढीली पड़ने लगती हैं, हार्ट रेट स्लो होने लगती है और बॉडी टेम्प्रेचर थोड़ा कम होने लगता है. आपकी ब्रेन वेव्स भी धीमीहोने लगती हैं — पहले की रेगुलर, रिदमिक पैटर्न से हटकर वे कम फ़्रीक्वेंसी और कम रेगुलर हो जाती हैं. स्टेज 1 स्लीप आम तौर पर कुछ ही मिनटों तक रहती है.

NREM स्टेज 2, आपकी पूरी NREM स्लीप का सबसे बड़ा हिस्सा होता है. नींद के इस स्टेज के दौरान, आपकी मसल्स रिलैक्स रहती हैं और कभी‑कभी हल्का झटका भी महसूस हो सकता है. आपकी साँसें और दिल की धड़कन धीमी हो जाती हैं, बॉडी का तापमान गिरता है, और दिमाग़ की वेव्स भी धीमी होकर बड़ी होने लगती हैं.

और पढ़ें: यह क्या है और इससे क्या फ़ायदे होते हैं?

गहरी नींद क्यों ज़रूरी है?

गहरी नींद, जिसे स्लो‑वेव स्लीप भी कहा जाता है, आपकी बॉडी के लिए सबसे ज़्यादा रीस्टोरेटिव स्टेज माना जाता है. गहरी नींद के दौरान, जो तीसरे NREM (नॉन-रैपिड आई मूवमेंट) साइकिल में आती है, आपका बॉडी दिमाग़ से लेकर मसल्स तक कई सिस्टम्स को रिपेयर और रिस्टोर करने में जुट जाती है.

गहरी नींद के दौरान. आपकी बॉडी की सारी एक्टिविटी काफ़ी हद तक धीमी हो जाती है. आपकी हार्ट रेट और साँसें अपनी सबसे कम स्पीड पर होती हैं और मसल्स पूरी तरह से ढीले और रिलैक्स हो जाते हैं. आपके दिमाग़ की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी लंबी और धीमी डेल्टा वेव्स में बदल जाती है, इसलिए इसे “स्लो‑वेव स्लीप” कहा जाता है. इस दौरान नींद इतनी गहरी होती है कि उठना मुश्किल पड़ता है — और उठ भी जाएँ तो सुस्ती और थोड़ी-सी उलझन महसूस करेंगे.

आमतौर पर गहरी नींद सोने के लगभग एक घंटे के अंदर शुरू हो जाती है और ज़्यादातर गहरी नींद रात के पहले हिस्से में मिलती है.

और पढ़ें: गहरी नींद ज़्यादा कैसे पाएँ यह क्या है और इसे ज़्यादा कैसे पाएँ

REM स्लीप आपके दिमाग़ को सपोर्ट करती है. इसी स्टेज में सबसे साफ़ और मज़बूत सपने आते हैं, और आपका बॉडी बिल्कुल स्थिर हो जाती है ताकि आप सपनों को हक़ीक़त में न करने लगें. यह आपकी मेमोरी, सीखने की क्षमता और प्रॉब्लम सॉल्विंग को भी बेहतर बनाती है.

REM स्लीप क्यों ज़रूरी है

REM नींद के दौरान,नाम की तरह ही, बंद पलकों के पीछे आँखें तेज़ी से हिलती हैं, हार्ट रेट बढ़ जाती है और साँसें थोड़ी अनियमित हो जाती हैं. ब्रेन एक्टिविटी भी तेज़ हो जाती है और कुछ हद तक वैसी लगती है जैसी आप जागते समय होती है. सपने देखते समय आपको हल्की‑फुल्की झटकेदार मूवमेंट या मसल ट्विचेज़ भी महसूस हो सकती हैं, और REM स्लीप के दौरान जगाना आमतौर पर थोड़ा मुश्किल होता है. ताकि सपनों को हक़ीकत में करने से बचाने के लिए REM स्टेज में बॉडी मसल टोन भी कम कर देती है, यानी मसल्स ढीले पड़ जाते हैं.

अब यह बात सही नहीं मानी जाती कि सपने सिर्फ़ REM में आते हैं, लेकिन रिसर्च बताती है कि जितने भी साफ़‑साफ़ याद रहने वाले सपने होते हैं, उनमें से लगभग 80% REM स्टेज से उठने पर रिपोर्ट किए जाते हैं.

रिसर्च के मुताबिक REM स्लीप आपकी इमोशनल हेल्थ और सीखने — दोनों के लिए बेहद अहम रोल निभाती है. सीधे शब्दों में कहें तो REM आपके दिमाग़ में कनेक्शन्स का एक नया नेटवर्क बना रही होती है,” कहते हैं Matthew Walker, Ph.D., Why We Sleep के लेखक. “हम REM स्लीप के दौरान नए कनेक्शन बनाते हैं.” इसके अलावा, पूरी REM स्लीप लेने से नेगेटिव इमोशनल रिएक्शन को कम करने में मदद मिल सकती है.

और पढ़ें: यह क्या है और इसे ज़्यादा कैसे पाएँ

मेंबर स्टोरी: Oura मेंबर Hemang K.के लिए यह जानना बहुत अहम है कि उनकी नींद किन‑किन स्टेजेज़ में कैसे बँटी है — अगर उन्हें REM स्लीप कम मिलती है, तो वे अगला वर्क‑डे उसी हिसाब से हल्का रखते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि REM स्लीप इमोशनल बैलेंस पर कितना असर डालती है.

एक “नॉर्मल” रात कैसी दिखती है?

नींद के चारों स्टेजेज़ में बिताया गया समय अलग‑अलग रातों और अलग लोगों में काफ़ी बदल सकता है. एक आदर्श रात में आपकी बॉडी को लगभग चार–पाँच 90‑मिनट के स्लीप साइकल पूरे करने का मौक़ा मिलता है, जिनमें हर बार नींद के अलग‑अलग फेज़ दोहराए जाते हैं.

आमतौर पर हर साइकल इसी सीक्वेंस से गुज़रता है: जागना, हल्की नींद, गहरी नींद, REM — और फिर यही क्रम दोहराया जाता है.  रात के शुरूआती साइकल्स में गहरी नींद ज़्यादा होती है, जबकि आख़िरी साइकल्स में REM का हिस्सा बढ़ जाता है. आख़िरी साइकल तक पहुँचते‑पहुँचते आपकी बॉडी कभी‑कभी गहरी नींद को लगभग छोड़ भी सकती.

कुल मिलाकर, गहरी नींद ज़्यादातर रात के पहले हिस्से में आती है, जबकि REM बाद के स्लीप साइकल्स में ज़्यादा मिलती है.

पूरी रात में सबसे ज़्यादा समय आपकी बॉडी हल्की नींद में बिताती है. REM या गहरी नींद में आपका कितना समय जाता है, यह व्यक्ति‑दर‑व्यक्ति काफ़ी बदल सकता है, लेकिन हर स्टेज के लिए कुछ एवरेज वैल्यूज़ होती हैं जिनकी उम्मीद की जा सकती है.

आप नींद की चारों स्टेज में कितना समय बिताते हैं?

Oura Ring कितनी सटीक है?

सोच रहे हैं कि Oura हल्की नींद और REM के बीच फ़र्क बताने में कितनी सही है? अच्छी ख़बर: हाल के एक्सटर्नल वैलिडेशन स्टडीज़ के मुताबिक, स्लीप स्टेजिंग की सटीकता लगभग 75.5% (हल्की नींद) से 90.6% (REM स्लीप) के बीच पाई गई. Oura Ring की सेंसिटिविटी लगभग 94.4% से 94.5% तक रही. असल में, इन स्टडीज़ में पाया गया कि Oura Ring, गोल्ड स्टैंडर्ड स्लीप लैब टेस्टिंग (PSG) से “ज़्यादा अलग” नहीं थी.

रिसर्चर्स ने नतीजा निकाला: 2‑स्टेज स्लीप क्लासिफ़िकेशन के लिए Oura की सेंसिटिविटी और स्पेसिफ़िसिटी बहुत ऊँची है, और PSG के साथ इसकी मैचिंग लगभग परफ़ेक्ट पाई गई, इंटर‑डिवाइस रिलायबिलिटी 94.8% रही.” सीधे शब्दों में कहें तो Oura इतनी सटीक है मानो आपके हाथ में ही एक पूरा स्लीप लैब हो.

और पढ़ें: टोक्यो यूनिवर्सिटी की नई स्टडी से Oura की सटीकता और साबित हुई

नींद के साइकल बिगड़ने की आम वजह

नींद के सभी स्टेज अहम हैं और आपकी बॉडी इन स्लीप साइकल्स को नेचुरली ऐसे मैनेज करती है कि आपको ज़रूरत के हिसाब से सब मिल सके. Oura Ring जैसे टूल आपकी स्लीप पैटर्न पर नज़र रखने में मदद करते हैं और हर रात एक स्लीप स्कोर देकर बताते हैं कि नींद और कैसे बेहतर की जा सकती है.

इन पैटर्न्स पर नज़र डालें और देखें कि कहीं आपकी नींद बीच‑बीच में टूट तो नहीं रही.

  • इंटेंस एक्सरसाइज़ के बाद गहरी नींद बढ़ जाती है: रिसर्च बताती है कि इंटेंस वर्कआउट के बाद वाली रात आपकी बॉडी गहरी नींद को ज़्यादा अहमियत देती है.
  • नींद की कमी के बाद REM स्लीप में तेज़ उछाल: कई रातों की कम नींद के बाद जब आप रिकवर करना शुरू करते हैं, तो पहले कुछ दिनों तक आपकी बॉडी गहरी नींद को ज़्यादा अहमियत देती है, ताकि बॉडी रिपेयर हो सके और दोबारा एक्टिव हो पाए. कई रातों तक अच्छी गहरी नींद के बाद, REM स्लीप आपके दिमाग पर फ़ोकस करने के लिए वापस आती है.
  • कैफ़ीन के बाद नींद के साइकल टूट सकते हैं: कैफीन की वजह से आपको सोने में ज़्यादा समय लग सकता है, जिससे आपकी कुल नींद कम हो जाती है. जब नींद का समय कम हो जाता है, तो सबसे ज़्यादा कटौती REM स्लीप की होती है, क्योंकि REM ज़्यादातर रात के आख़िरी स्लीप साइकल्स में आती है.

अपने रात के पैटर्न्स (जैसे हार्ट रेट, बॉडी टेम्प्रेचर) पर ध्यान देना और नींद बेहतर करने की कोशिश करना आपको उन दिनों को ज़्यादा तरोताज़ा महसूस करते हुए संभालने में मदद करता है.

ज़रूरी बातें

नींद के चार मेन स्टेज हैं — हल्की नींद, गहरी नींद और REM स्लीप — और ये सभी आपकी मेंटल और फ़िज़िकल हेल्थ के लिए ज़रूरी हैं. हल्की नींद मेमोरी और क्रिएटिविटी में मदद करती है, जबकि गहरी नींद के दौरान आपकी बॉडी का फ़िज़िकल रिपेयर होता है. REM स्लीप आपकी इमोशनल हेल्थ और सीखने — दोनों के लिए बेहद अहम है. एक अच्छी नींद का मतलब है कि आप इन सारे स्टेजेज़ से होकर गुज़रें ताकि दिमाग़ और बॉडी दोनों पूरी तरह रीचार्ज हो सकें.

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नींद के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

नींद के 4 स्टेज कौन‑से हैं?

नींद के चार स्टेज होते हैं: जागना, हल्की नींद, गहरी नींद और REM (रैपिड आई मूवमेंट). इन्हें NREM (नॉन‑रैपिड आई मूवमेंट) स्टेज 1, 2, 3 और REM के नाम से भी जाना जाता है.

नींद के हर स्टेज में क्या होता है?

  • जागना रात भर में थोड़ी‑थोड़ी देर के लिए जागना बिल्कुल नॉर्मल बात है. अगर आप सुबह तरोताज़ा महसूस करते हैं, तो ये छोटे‑छोटे जागने के पल फ़िक्र की बात नहीं हैं.
  • हल्की नींद आपकी कुल नींद का लगभग आधा हिस्सा बनने वाली यह स्टेज (NREM स्टेज 1 और 2) पूरी तरह रिलैक्स होने का समय होती है, जब हार्ट रेट और बॉडी टेम्परेचर धीरे-धीरे कम होने लगते हैं. यह स्टेज मेमोरी और क्रिएटिविटी के लिए बहुत अहम है.
  • गहरी नींद यह नींद का सबसे ज़्यादा फ़िज़िकली रिस्टोरेटिव स्टेज है (NREM स्टेज 3). इसी दौरान आपकी बॉडी अपनी रिपेयर और रिस्टोरेशन पर फ़ोकस करती है और दिमाग़ की एक्टिविटी धीमी होकर “डेल्टा वेव्स” में बदल जाती है. इसी स्टेज से उठना सबसे मुश्किल होता है.
  • REM स्लीप: इस स्टेज में आपका दिमाग़ काफ़ी एक्टिव हो जाता है, लगभग वैसा जैसा जागते समय होता है. यही वह समय है जब ज़्यादातर साफ़‑साफ़, मज़बूत सपने आते हैं. REM स्लीप इमोशनल हेल्थ और सीखने के लिए बहुत ज़रूरी है, क्योंकि इसी में दिमाग़ नए कनेक्शन्स बनाता है.

कुछ स्लीप ट्रैकर्स “NREM” स्टेजेज़ का इस्तेमाल क्यों करते हैं?

NREM का मतलब है “नॉन-रैपिड आई मूवमेंट” और इसमें हल्की और गहरी दोनों नींद शामिल होती हैं. NREM स्टेज 1 और 2 को हल्की नींद माना जाता है, जबकि NREM स्टेज 3 गहरी नींद होती है. स्लीप ट्रैकर्स आपकी नींद की अलग-अलग फ़ेज़ समझाने के लिए इसी टर्मिनॉलजी का इस्तेमाल करते हैं.

एक नॉर्मल रात की नींद कैसी दिखती है?

आमतौर पर एक रात में चार–पाँच 90‑मिनट के स्लीप साइकल होते हैं. हर साइकल जागने से हल्की नींद, फिर गहरी नींद, और उसके बाद REM स्लीप तक बढ़ती है. रात के पहले आधे हिस्से में आपकी बॉडी को ज़्यादा गहरी नींद आती है, जबकि दूसरे आधे हिस्से में REM स्लीप का समय लंबा हो जाता है.

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